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कृषि किसान बिल 2020: लाभ के साथ साथ कुछ कमियां भी विस्तार से !

Agricultural Farmers Bill 2020: किसानों का मुद्दा देश में सबसे बड़ा चर्चा का विषय है और यह अध्यादेश के रूप में संसद में पेश भी किया जा चुका है ! Agricultural Farmers Bill 2020 के फायदे क्या है ? और नुकसान क्या है? इसका एनालिसिस करना है बहुत जरूरी है!

आखिर क्या वजह है कि किसान इतना बड़ा आंदोलन कर रहे हैं! और सरकार उनके साथ लगातार वार्ता करने के बावजूद भी किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंची है तो आइए आज हम कृषि कानून बिल के फायदे और नुकसान के बारे में जानते हैं !

सरकार कृषि कानून बिल को अध्यादेश के रूप में 5 जून 2020 को संसद में लायी थी ! उस वक्त कोरोना की वजह से पुरे देश में लॉकडाउन का लगा हुआ था ! सरकार आनन-फानन में बिल अध्यादेश में लायी और संसद में बिल पारित भी हो गया और यह कानून बन कर अब सामने भी आ गया !

आखिर इसमें ऐसी क्या वजह है की इन तीनों बिलों को लेकर के पूरे देश में हंगामा मचा हुआ है ! खुद सरकार की ही कुछ घटक दल इस मुद्दे पर सरकार के अड़ियल रवैये की वजह से अलग हो गए हैं ! शिरोमणि अकाली दल पंजाब का एक सबसे बड़ा उदाहरण है !

हरसिमरत कौर जो की शिरोमणि अकाली दल से मंत्री भी थी उन्होंने भी इस्तीफा दे दिया ! बाकी विपक्षी पार्टियां भी खूब हंगामा कर रही है आइए जानते हैं पहले कि अध्यादेश क्या होता है ?

What is Agricultural Farmers Bill 2020

 

अध्यादेश क्या होता है ?

अध्यादेश का मतलब यह होता है कि जब सरकार को यह लगता है कि कोई कानून जरूरी है और उस वक्त संसद सत्र नहीं चल रहा होता है तो वह बिल अध्यादेश के रूप में लायी जाती है! और फिर इस पर सबकी सहमति से मोहर लगाई जाती है !

अध्यादेश अगले छः महीने तक ही वैलिड रहती है ! मगर जब संसद सत्र चालू होता है तो अगले 6 महीने के अंदर अंदर या 6 महीने के बाद इस अध्यादेश को लोकसभा और राज्यसभा में इसे पारित करना जरूरी होता है !

अध्यादेश पारित हो जाने के बाद बिल कानून के रूप में सामने आता है ! मोदी सरकार ने 5 जून 2020 को कृषि का कृषि बिल अध्यादेश के रूप में लाई थी ! और फिर बाद में हालांकि संसद में ध्वनिमत से पारित हो गया !

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क्या है कृषि बिल (Agricultural Farmers Bill 2020)?

तीनो बिल को बारी-बारी से समझते हैं और उसके फायदे और नुकसान के बारे में एक बार नजर डालते हैं !

  1. किसान उत्पादन व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा अध्यादेश, 2020) ( The Farmers Produce Trade And Commerce ( Promotion And Facilitation Ordinance, 2020 ))
  2. मूल्य आश्वासन पर किसान सरक्षण एवं सशक्तिकरण समझौता और कृषि सेवा अध्यादेश ( The Farmers (Empowerment And Protection ) Agreement on Price Assurance And Farm Services Ordinance, 2020 )
  3. आवश्यक वस्तु (संशोधन) अध्यादेश, 2020 ( The Essential Commodities ( Amendment ) Ordinance, 2020 )

 

क्या है Agricultural Farmers Bill 2020 का पहला नियम ?

कृषि कानून बिल के तहत पहला जो नियम है उसके तहत किसानों को अब अपने अनाज बेचने के लिए दूसरे राज्यों में टैक्स देने की जरूरत नहीं है ! अगर वह अपना अनाज दूसरे शहरों में या दूसरे प्रदेशों में जाकर बेचते हैं उसके लिए पहले उन्हें टैक्स देना पड़ता था ! बिचौलिए उसमें से कुछ टैक्स रखते थे ! अब ऐसा नहीं है अब टेक्स से मुक्त कर दिया गया है आसानी से किसी भी प्रदेश में अपना अनाज बेच सकते हैं!

कृषि कानून नियम के तहत पहला बिल दिल्ली सरकार का कहना है कि किसान आसानी से किसी भी शहर में किसी भी प्रदेश में किसी भी दूसरे राज्य में अनाज को बेच सकते हैं !

इससे उन्हें किसी भी खरीद में बिक्री में आजादी मिलेगी ! इसके लिए एक अलग ही सुविधा उपलब्ध होगी ! एक स्वस्थ माहौल पैदा होगा और बेहतर दाम भी मिलेगा !

सरकार का कहना है कि एक देश एक बाजार के नीति के तहत किसान अनाज पूरे देश के किसी भी कोने में किसी भी संस्था को किसी भी व्यक्ति को किसी भी कीमत पर बेच सकते हैं ! इसके लिए उन्हें किसी तरह से किसी को कोई टैक्स देने की जरूरत नहीं है !

इस बिल के तहत एक देश एक बाजार की निति बनाना सरकार की योजना है या यु कहे मोदी सरकार इस बारे में बात कर रही है !

 

कृषि कानून, 2020 के दूसरा नियम

इसी कारण बिल के दूसरे नियम के तहत किसानों को फसल की उपज के पहले ही तय कीमत पर उत्पाद बेचने की बात कही गई है ! यानि कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग की बात कही गई है ! किसान अपनी आनाज बोने से पहले ही फसल की कीमत तय कर सकेंगे !

जब फसल पककर तैयार होगी तो फिर उसी कीमत पर अपना उत्पाद उस कॉन्ट्रैक्ट कंपनियों के साथ बेच सकते हैं ! इससे किसानों को एक कीमत की एश्योरेंस हो जाएगी ! किसानों को अपनी फसल की कीमत नीचे जाने की या फसल की उचित मूल्य न मिलने की चिंता से छुटकारा दिलाएगी !

इस बिल के तहत सरकार का कहना है कि किसानों का जोखिम कम होगा दूसरी तरफ अपने-अपने अनाजों की खरीदारी के लिए कहीं दूर नहीं जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी !

इस बिल के तहत फसल की उचित कीमत पहले ही निर्धारित हो जाने से उन्हें काफी लाभ होगा ! इससे किसानों का शोषण नहीं होगा उन्हें अपनी फसल की उचित कीमत मिलेगी और किसानों को एक आत्मविश्वास जगेगा सरकार के मुताबिक किसानों को बिना किसी भय के खुदरा विक्रेता, बड़े कंपनियों या बड़े निर्यातकों के साथ जोड़ने में सक्षम बनाएगा !

 

कृषि बिल, 2020 का तीसरा नियम

कृषि बिल के तहत कलाबाजारी रोकने के लिए एसेंशियल कमोडिटी एक्ट 1955 लायी गई थी ! इस बिल के तहत एक निश्चित सीमा के बाद उसके भण्डारण पर रोक लगाई गई थी !

अब नए कानून के तहत तहत अनाज भंडारण की छूट दी गई है ! सरकार का कहना है कि अब उत्पादन ज्यादा हो रहा है तो कुछ वस्तुएं जैसे दाल, तिलहन, आलू , प्याज इत्यादि आवश्यक खाद्य पदार्थो से हटाने की बात की जा रही है इसके तहत उन्हें आवश्यक वस्तुओं से बाहर की जाएगी और इसके भंडारण में छूट दी जाएगी !

इस बिल के तहत सिर्फ दो परिस्थिति में ही किसी बड़ी आपदा में या युद्ध के समय पर ही इसका भंडारण नहीं की जा सकेगी मगर इसके अलावा किसी भी समय इसका भंडारण कीया जा सकता है !

 

कृषि बिल पर इतना विरोध क्यों ?

मंडिया खत्म होने पर यानी कि अगर किसान अपनी फसल मंडी के बाहर बेचेंगे तो वो टैक्स देने से बचेंगे इससे जब सामान दो जगह बिकेगा और मंडी से बाहर समान सस्ता मिलेगा तो मंडिया ख़त्म हो जाएगी !

खरीदार कौन होगा ? ऐसा व्यक्ति जिसके पास अपना पैन कार्ड है वो खरीद सकेंगे मगर लोगो का कहना है की इसमें बड़े उद्योगपति या बड़े व्यापारी जैसे डी-मार्ट रिलायन्स आदी उसकी खरीद कर करेंगे और उनका भण्डारण कर अच्छे कीमत पर बेचेंगे !

तीसरा विरोध प्राइस को लेकर है उनका कहना है की बड़े उद्योगपति किसानो से कम कीमत पर सामान खरीदेंगे और फिर बाद में उच्चे दामों पर बेचेंगे ! जब टैक्स हटा लेंगे तो फिर मंडिया खत्म हो जाएगी और उनका कोई रोल नहीं रहेगा क्योंकि बाहर जब सामान सस्ती मिलेगी तो फिर लोग खरीदारी मंडियों से नहीं करेंगे !

 

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