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Common Mistakes of Software Engineer: सॉफ्टवेयर इंजीनियर की सामान्य गलतियां

भारत में वैसे सॉफ्टवेयर इंजीनियर की कोई कमी तो नहीं है मगर, बहुत सारे ऐसे सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं जो अपने जीवन के आखिरी पड़ाव में बहुत तंगहाली भरी जिंदगी जीते हैं। या यु कहे कि जॉब करते वक्त जिस तरह की जिंदगी होती है उस तरह की जिंदगी अपने रिटायरमेंट की बाद नहीं जी पाते हैं या आसान भाषा में अगर करें तो एक निश्चित उम्र क्रॉस करने के बाद उनका जीवन कठिन हो जाता है। आइए जानते हैं कि आखिर ऐसे कौन-कौन से पॉइंट है जो भारत में हर सामान्य सॉफ्टवेयर इंजीनियर (Common Mistakes of Software Engineer in Hindi) उन गलतियां को दोहराते हैं।

 

Common Mistakes of Software Engineer – रिटायरमेंट प्लान

सॉफ्टवेयर की नौकरी कठोर वास्तविकता में से एक है। भारत में ज्यादातर सामान्य सॉफ्टवेयर इंजीनियर अपने कार्यशैली से इतना फ़्रस्टेट हो जाता है, इतना परेशान हो जाता है की अपने जॉब के दौरान ही नौकरी के अलावा भी अन्य रास्तों पर विचार करने लगता है। हर सुबह उसको यही लगता है कि आज शायद उसकी ऑफिस में आखिरी दिन होगी।

कभी-कभी ऐसा लगने लगता है कि शायद वह अगले सप्ताह से या अगले दिन से वो ऑफिस में दुबारा अपने काम को जारी नहीं रख पायेगा। वास्तव में अगर कहे तो सॉफ्टवेयर इंजीनियर की जॉब सबसे कठिन जॉब में से एक है इसी कारण अधिकांश लोग किसी दूसरे ऑप्शन की तलाश में रहते हैं या सरकारी नौकरी की तैयारी में लग जाते हैं।

Common Mistakes of Software Engineer

आमतौर पर एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर की प्रति माह की सैलरी (Computer Engineer ki Monthly Salary) लगभग 20000 के आसपास से शुरू होती है। उनके कैरियर के शुरुवाती दौर में उनका मासिक आय थोड़ा बहुत इधर उधर हो सकता है। मगर ज्यादातर सॉफ्टवेयर इंजीनियर की सैलरी इसी के आस पास से शुरू होती है और करीब 4 साल 5 साल के अनुभव के बाद उनकी मासिक आय लगभग एक लाख के आसपास हो जाती है।

अगर भारतीय कंपनियों की बात करें तो भारतीय सॉफ्टवेयर उद्योग ज्यादातर सर्विस बेस्ड कंपनी (Indian Software Industry Based on Service Based) है। सर्विस बेस्ड कंपनी के अंदर सिर्फ रखरखाव और मेंटेनेंस (Maintenance Work) जैसे काम ही अधिक होते हैं। डेवलपमेंट काम (Development Work)बहुत कम होता है तो एक तरह से देखें तो रखरखाव का कार्य उतना ज्यादा मुश्किल जॉब नहीं है।

इसलिए ज्यादातर कंपनियां जैसे टीसीएस (TCS), टेक महिंद्रा (Tech Mahindra), कैपजेमिनी (Capgemini), विप्रो (Wipro), कोंगनिजेंट (cognizant) आदि कंपनियां ज्यादा अनुभव को वरीयता नहीं देती है। वह कम अनुभव वाले इंजीनियरस को हॉयर करती है जिस से उन्हें कम सैलरी देनी परती है और ज्यादा अनुभवी कर्मचारियों को वह कंपनी लागत में कटौती का कारण बताकर उनकी छटनी शुरू कर देता है।

अब आते हैं वास्तविक समस्या पर (Actual problem in it industry in India)। एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर की वास्तविक समस्या तब शुरू होती है जब उसे यह पता चलता है कि उसकी नौकरी लगभग 45 वर्ष की उम्र तक समाप्त हो जाएगी (Common Mistakes of Software Engineer – IT is a dead career after 45)। अब जब आप 35 साल के हो चुके है तो आपकी शादी भी हो चुकी होगी और एक या दो बच्चे भी होंगे। अब अगर मान लिया जाये की आपके बच्चों की उम्र 7 से 8 साल के बिच है, अब आपके बच्चों की पढ़ाई लिखाई का भी खर्च है, आपकी मां बाप भी साथ में अगर हैं तो उनके मेडिकल खर्च कुछ न कुछ तो होंगे। ऐसे में यह मालूम चलता है की आपकी नौकरी 10 साल से ज्यादा की नहीं बची है क्युकी आप लगभग 45 साल की उम्र तक या तो आपकी जॉब ख़त्म हो जाएगी या आप कॉस्ट कस्टिंग (Cost Cutting in IT Industry in Hindi) के नाम पर निकाल दिए जायेंगे।

स्कूल और कॉलेज की फीस दिन पर दिन बढ़ती ही जा रही है इस लिहाज से देखें तो अपने बच्चों को लगभग 23 साल तक की उम्र तक के लिए उनको जरूरी सुविधाएं मुहैया करानी होगी और आपकी उम्र के हिसाब से आपकी जॉब सिर्फ 10 साल तक के लिए ही बची है। जिसका मतलब यह है कि आने वाले 15 साल तक आपको काम करना होगा मगर ऐसा मुमकिन नहीं है क्योंकि आप सॉफ्टवेयर इंडस्ट्री में है इसीलिए 50 साल की उम्र तक ऑफ इंडस्ट्री में बने रहना काफी मुश्किल है।

अब अगर देखे तो सॉफ्टवेयर इंडस्ट्री भारत में लगभग 2000 के आसपास आई थी जिसके तहत 30 परसेंट से ज्यादा लोग 40 वर्ष तक होने चाहिए थे मगर जब आप अपने ऑफिस में देखेंगे तो कितने लोग ऐसे मिलेंगे जो 40 साल के हो चुके हैं और अभी भी सॉफ्टवेयर इंडस्ट्री में काम कर रहे हैं। असल में तो ऐसे लोग किसी फंक्शनल पोजीशन (Functional Position) को ज्वाइन करते हैं और फंग्शनल पोजीशन पर दस सीनियर लोगो में से कोई एक ही ज्वाइन करेगा बाकि या तो कॉस्ट कटिंग के नाम पर उनकी छटनी कर दी जाती है या निकाल दिए जाते है।

45 वर्ष की उम्र के बाद 10 से 20 पर्सेंट लोग ही सॉफ्टवेयर इंडस्ट्री में टिक पाते हैं और जो 10 से 20 पर्सेंट लोग दिखते हैं उनका पोजीशन मैनेजर लेवल (Senior level) का होता है। या वह सीनियर मैनेजर (Senior Position) होते हैं या वह डिलीवरी मैनेजर होते हैं। यह काफी ऊंचे पोस्ट होते हैं और ऊंची पोस्ट पर ज्यादा इंजीनियर की जरूरत नहीं पड़ती है। यहां पर सिर्फ एक या दो लोग ही होते हैं।

इस तरह से देखा जाए तो 10 में से सिर्फ 1 लोग ही इस पोजीशन पर पहुंचते हैं बाकी के 9 लोग तो वैसे भी छटनी कर दिए जाते हैं।

 

Options After Retirement – Common Mistakes of Software Engineer

अब ऐसे में सवाल ये उठता है कि जब आपके खर्चे बढ़ चुके हैं और अब आप 45 साल को पार भी कर चुके है तो आपके पास जॉब का भी विकल्प नहीं है।

 

फ्रीलांसर से पैसा कमाए ( Freelancer Se Paise Kaise Kamaye)

तो ऐसे में ऑप्शंस में सबसे पहला नाम फ्रीलांस का ही आता है अगर किसी भी सॉफ्टवेयर डेवलपर को 10 से 20 साल का अनुभव है तो आसानी से अपने इस अनुभव को उपयोग करते हुए विदेशी प्रोजेक्ट को उठा सकता है और अपने मंथली इनकम से कई गुना ज्यादा पैसा कमा सकता है।

इसके लिए बहुत सारे विकल्प मौजूद है उन विकल्पों में फ्रीलांसर, अपवर्क, फीवर आदि काफी पॉपुलर है।

आजकल बहुत से ऐसे लोग भी हैं जो अपने कैरियर के शुरुआती दौर में ही फ्रीलान्स से जुड़कर महीनों का लाखों रुपए कमाते हैं।

आपको इन वेबसाइट पर जाकर अपना एक प्रोफाइल में बनाना होगा और पिछले अनुभव को हुई अच्छी तरह से डिटेल में साझा करना होगा और जिस काम को बेहतर जानते हैं उसको और विस्तार में साझा करें।

इसमें सबसे अच्छी बात यह है कि यहां पर क्लाइंट विदेश के होते हैं और आप की कमाई डॉलर्स में होती है और आप पेपल के माध्यम से पैसे अपने अकाउंट में ट्रांसफर कर सकते है।

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खुद का कुछ स्टार्टअप स्टार्ट करें – Start Your Own Startup in Hindi

अब जब आपके पास अनुभव की कोई कमी नहीं है और आपके पास काम का एक अच्छा खासा अनुभव है तो उस अनुभव के आधार पर खुद का एक कंपनी स्टार्ट कर सकते हैं।

उस कंपनी में आप कुछ नए फ्रेश ग्रैजुएट स्टूडेंट्स को ऐड करें और उनको काम सिखाये और फिर उनसे काम करवाएं।

प्रोजेक्ट्स आप फ्रीलांसर वेबसाइट से उठा सकते हैं इसकी वजह से आपको अपना स्टार्ट भी स्टार्ट हो जाएगा और फ्रेश ग्रैजुएट स्टूडेंट्स को जॉब का भी एक नया ऑप्शन मिलेगा।

सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट – Start Software Development Training Institute in Hindi

जब आपके पास कॉर्पोरेट सेक्टर का अच्छा खासा अनुभव है तो आप एक तरह से सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट खोल सकते हैं और नए फ्रेश ग्रेजुएट स्टूडेंट्स को ट्रेन कर सकते हैं।

सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट काफी बढ़िया ऑप्शन रहेगा वैसे लोगों के लिए जिनके पास सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट उद्योग का इंडस्ट्रियल एक्सपीरियंस काफी अच्छा है और अपने अनुभव को उन स्टूडेंट्स के साथ साझा कर के अच्छा पैसा कमा सकते हैं।

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सन्दर्भ (Sources):

भारत में अधिकतर सॉफ्टवेयर इंजीनियर क्या गलती करते हैं?

Wishusucess.com

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