तेजस्वी प्रसाद यादव को मुख्यमंत्री बना मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करना राष्ट्रीय जनता दल पार्टी के लिए कितना सही है और कितना गलत आज हम इसी का विश्लेषण करेंगे
इसका विश्लेषण हम करें इसके पहले हम एक बार आप से कुछ प्रश्न पूछना चाहेंगे ! उन पार्टी कार्यकर्ताओं का क्या ? जिन्होंने अपनी पूरी जिंदगी राष्ट्रीय जनता दल के लिए समर्पित कर दी, जिन कार्यकर्ताओं ने पूरी जिंदगी जीतोड़ मेहनत करके पार्टी को इस मुकाम पर खड़ा किया की पार्टी उनको भी एक सम्मान देगी ?
बहुत सारे प्रश्न है जिनका पूछा जाना जरूरी है ! आप लोकतंत्र की बात करते हैं आप निष्पक्ष चुनाव की बात करते हैं आप अपनी ही पार्टी को जरा झांक कर देखिए कि आप की पार्टी में कितना लोकतंत्र है? क्या यही लोकतंत्र है कि एक पार्टी में आप को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार इसलिए घोषित किया जाता है क्योंकि आप पूर्व मुख्यमंत्री के बेटे हैं आपका कोई अपना अस्तित्व है ?
आपने अपनी पार्टी के लिए कितनी सेवाएं दी है आपको लोग अपना समर्थन इसलिए नहीं दे रहे हैं कि आप लोकप्रिय हैं या चाहते है बल्कि वह इसलिए दे रहे हैं क्योंकि आप पार्टी के संस्थापक के बेटे हैं और उनके खिलाफ जाना बगावत समझा जायेगा और आपको पार्टी से निष्काषित कर दिया जायेगा !
आपसे उम्र में कई लोग कितने साल बड़े हैं आपके पिता के तुल्य हैं मगर फिर भी आप अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं की इज्जत नहीं कर रहे हैं ऐसे लोग पार्टी छोड़ कर जा चुके हैं जो अपने पिता के टाइम पर पार्टी के बैकबोन हुआ करते थे उनकी एक खास पहचान थी, अपनी पार्टी में खास इज्जत थी !
क्या आपका दायित्व नहीं बनता उन नेताओं का उन कार्यकर्ताओं का इज्जत करने का उनको एक मान सम्मान देने का, पार्टी के अंदर बहुत सारे ऐसे प्रश्न को पूछना जरूरी है ?
तभी आपकी पार्टी में लोकतंत्र रहेगा और आपके पार्टी के कार्यकर्ताओं का आपके पार्टी के प्रति विश्वास रहेगा यह पार्टी सिर्फ आपके परिवार की पार्टी नहीं है यह पार्टी उन सारे कार्यकर्ताओं की पार्टी है जिन्होंने पूरे जी-जान से इस पार्टी को खड़ा किया है !
तेजस्वी प्रसाद यादव को इन सब बातों का ख्याल रखना, तेजस्वी प्रसाद यादव को इस बात का भी ध्यान रखना होगा की पार्टी में अगर निष्पक्ष रुप से चुनाव कराया जाए तो उनका उनके प्रति कितना समर्थन होगा कितने लोग उनको पसंद करेंगे कितने लोग ना पसंद करेंगे !
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