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किसानों की मांग: क्यों नहीं मान रही मोदी सरकार किसानों की मांग ?

किसानों की मांग और उनका विरोध प्रदर्शन

कृषि बिल को लेकर के किसान पिछले काफी दिनों से आंदोलन पर बैठे हुए हैं ! मगर आखिर ऐसा क्या कारण है कि मोदी सरकार किसानों की मांग मान नहीं रही है !

पंजाब से एक बहुत बड़ा किसानों का जत्था सिंघु बॉर्डर पर कई दिनों से धरना प्रदर्शन कर रहा है सरकार और किसान नेताओं के बीच कई दौर की वार्ता के बावजूद भी अब तक कोई निष्कर्ष नहीं निकला है !

किसानों की मांग है कि पूरी तरह से तीनों कानून खत्म कर दी जाए मगर सरकार उनकी बातें नहीं मान रही है ! हालाँकि आंदोलन शुरू करने से पहले किसानों की मांग एमएसपी को लेकर थी किसानो की मांग थी की उन्हें लिखित रूप से एमएसपी दी जाए मगर जैसे जैसे आंदोलन लम्बा खींचता गया किसानों की मांग पूरी तरह से तीनों कृषि कानून बिल को खत्म करने पर पहुंच गई !

किसानों की मांग

इसी के बारे में विस्तार से जानने की कोशिश करते हैं !

कृषि बिल: कृषि बिल क्या है ? मोदी सरकार के तीनो बिल को विस्तार से !

केंद्र सरकार के द्वारा लाये गए कृषि कानून बिल का जबरदस्त विरोध हो रहा है किसान जगह-जगह आंदोलन कर रहे हैं ! और इसका भरपूर फायदा विपक्षी पार्टियां उठा रही है ! या यूं कहें कि विपक्षी पार्टियां भी इनको भरपूर समर्थन दे रही है राहुल गांधी से लेकर, अखिलेश यादव तक बिहार में तेजस्वी प्रसाद यादव से लेकर दिल्ली में अरविंद केजरीवाल तक हर कोई इसका समर्थन कर रहा है !

इसमें कहने में कोई भी दो राय नहीं होगी कि मोदी सरकार के कृषि बिल का विरोध देश की ज्यादातर पार्टियां कर रही है मगर इसके बावजूद भी मोदी सरकार कानून वापस क्यों नहीं क्यों नहीं ले रही है ?

 

क्या है किसानों के विरोध प्रदर्शन की वजह ?

किसानों के विरोध प्रदर्शन का सबसे बड़ा मुद्दा यह है कि एमएसपी खत्म की जा रही है किसानों का कहना है कि सरकार मिनिमम सपोर्ट प्राइस यानि न्यूनतम समर्थन मूल्य खत्म करने जा रही है ! और कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग के जरिए बड़े बड़े कॉर्पोरेट घरानों का कबजा उनके खेतों पर हो जाएगा ! किसानों का सबसे बड़ा डर यही है !

जबकि मोदी सरकार का कहना है कि इससे इससे किसानों की आमदनी बढ़ेगी बेहतर पैदावार होगी और किसानों को उनके आनाज का बेहतर मूल्य मिल सकेगा ! किसान मंडी के आलावे भी इस देश के किसी भी कोने में जाकर अपना अनाज बेच सकते हैं और इससे बिचौलिए खत्म हो जाएंगे और इसका ज्यादा फायदा किसानो ही मिलेगा !

किसानों को सबसे बड़ा डर यह भी लग रहा है कि उन्हें लगता है कि मंडी खत्म हो जाएगी जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कृषि मंत्री कई बार यह कह चुके हैं कि ना ही मंडी खत्म नहीं होगी और ना ही एमएसपी खत्म नहीं होगी !

मगर किसानों का कहना है कि सरकार इन को लेकर के कानून बना दें जिससे उन्हें विश्वास हो ! किसानों की मांग है कि एमएसपी लिखित रूप में दी जाए जिससे वह न्यूनतम समर्थन मूल्य पर अपना उत्पाद बेच सकें !

कृषि मंत्री लोकसभा में कई बार यह स्पस्ट कर चुके हैं कि न ही मंडिया खत्म की जा रही है और ना ही एमएसपी खत्म की जा रही है ! बल्कि किसानो को एक बेहतर सुविधा मुहैया कराई जा रही है जिसकी वजह से वह बेहतर से बेहतर दामों पर अपने उत्पाद को इस देश में किसी भी कोने में बेच सकते हैं !

उनका कहना यह भी है कि बिचौलिए कि ना होने से किसानों को उचित मूल्य मिलेगा क्युकी बिचौलिए जब नहीं रहेंगे तो वह अपने अनाज को किसी भी खरीदार से उचित मूल्य पर बेच सकते हैं !

 

क्या है एमएसपी ?

किसानों के अनाज के लिए एक न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित की जाती है ? जब भी किसान अपनी फसल को मंडी में लेकर जाते है तो उन्हें इसी कीमत पर सरकार उनसे खरीदारी करती है ! जिसकी वजह से किसानो नुकशान नहीं होता ! और ये न्यूनतम समर्थन मूल्य पुरे देश में एक ही होती है !

 

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