Skip to content

Mental Health Disorders in Hindi: मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी बीमारियां

मेंटल हेल्थ हर किसी के लिए बहुत ही अनिवार्य है इसमें इमोशनल, साइकोलॉजिकल, एंड सोशल वेल्बींग के आधार पर हम यह तय करते हैं कि व्यक्ति मानसिक रूप से कितना स्वस्थ है। Mental Health Disorders हमें यह बताता है कि व्यक्ति अपने आने वाले जीवन में समस्याओं को किस तरह से हैंडल कर रहा है और उसके व्यवहार कैसा है और किस तरह के परिवर्तन आ रहे हैं।

मेंटल हेल्थ डिसऑर्डर बहुत ही सीरियस केस है इसमें व्यक्ति को सोचने का तरीका, उसका मूड, व्यवहार, आंतरिक स्वास्थ्य आदि हर तरह से प्रभावित होता है।

यह कई बार छोटे समय के लिए भी होता है और कई बार लंबे समय के लिए भी हो सकता है। इस बीमारी से ग्रसित व्यक्ति अपने दैनिक जीवन को सही तरीके से चलाने में कई बार सक्षम नहीं रह पाता है।

हालांकि यह बहुत ही सामान्य केस है इसके बावजूद भी यह बहुत ही सीरियस केस में गिना जाता है। मेंटल डिसऑर्डर से ग्रसित व्यक्ति का सही तरीके से देखभाल और उपचार के बाद तुरंत रिकवरी कराना भी आसान है।

जीवन में अत्यधिक स्ट्रेस लेने की वजह(taking excessive stress in life), ऑफिस में अत्यधिक काम का तनाव , परिवारिक जीवन में खटपट, आप से रिश्ते का मधुर ना होना, जीवन में कुछ मीनिंग फुल लक्ष्य का ना होना आदि कई कारण होते हैं जो मेंटल डिसऑर्डर (Mental Health Disorders Causes in Hindi) के कारण बनता है।

 

Index hide

मानसिक बीमारी के लक्षण – 17 Symptoms of Mental Illness in Hindi

हर व्यक्ति को भी अपने अपने स्वास्थ के बारे में साप्ताहिक रूप से जांच करवाते रहने चाहिए। मानसिक बीमारी के कुछ लक्षण (symptoms of mental illness in Hindi) शारीरक रूप से स्वस्थ व्यक्ति के जीवन में भी देखने को मिल है जैसे ही ये लक्षण दिखे आपको उसके तुरंत उपचार करने के लिए डॉक्टरी सहायता जरूर लेना चाहिए जैसे की:-

  1. किसी भी विषय में ज्यादा सोचने (Over thinking) की समस्या होना। घबराहट और बेचैनी का महशुस होते रहना (Anxiety & restlessness)
  2. बात बात पर गुस्सा आना और छोटी छोटी बातो पर लड़ाई करना (Getting angry over talk and fighting over small things.)।
  3. अनिंद्रा और सोने का पैटर्न बदलना (Insomnia and changing sleeping patterns.)।
  4. किसी काम को करने का मन नहीं करना हर घरी सुस्ती छाना।
  5. दैनिक जीवन का पैटर्न बिलकुल ही उल्टा हो जाना (Completely reverse pattern of daily life.)।
  6. हर घरी छोटी छोटी बातो के लिए चिंता करना (Excessive anxieties)
  7. जीवन में उमंग का कमी होना और हर घरी उदास रहना (Lack of enthusiasm in life)।
  8. घर में अक्सर पारिवारिक सदस्यों से छोटी छोटी बातो पर लड़ते रहना (Often fighting with family members in the house)।
  9. जीवन का बिलकुल ही नीरस लगना (Life seems so boring)।
  10. नशीले पदार्थो का सेवन करना।
  11. अपने परिवार के सदस्यों के साथ कुछ दुरी बनाना (distance with your family members.)।
  12. ऑफिस में या वर्कप्लेस फ्रेंड्स के साथ दुरी (Distance in office or workplace with friends.)।
  13. किसी भी गेम में पार्टिसिपेट नहीं करना (Not participating in any game) या अपने दोस्तों के साथ गेम खेलने से बचना।
  14. भोजन का सही तरीके से नहीं करना (Not eating food properly.)।
  15. शरीर में हर घरी आलस का बने रहना (body remains laziness.)।
  16. छोटे छोटे काम में भी निर्णय लेने में असमर्थ होना (Inability to make decisions even on small tasks.)।
  17. मन में अपने जीवन को नस्ट करने का ख्याल आना (Have the thought of destroying your life in your mind.)।

 

इसे भी पढ़े: How to Maintain Mental Health: 27 Tips to Maintain in Hindi

 

मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी बीमारियां – Mental Health Disorders in Hindi

दिमागी स्वास्थ्य से जुड़ी बीमारियां कई कारणों से बनती है इन कारणों में जैविक फैक्टर शामिल होता है। जीवन में बुरा अनुभव का होना, फैमिली में किसी का दिमागी रूप से परेशानी होना आदि जो जेनेटिक रूप से आपके अंदर आता है और आप भी उसके शिकार हो सकते हैं।

कई बार जीवन जीने का तरीका खानपान इत्यादि की वजह से भी मेंटल डिसऑर्डर का शिकार हो सकते हैं।

मेन्टल डिसऑर्डर से जुड़ी कई सारी बीमारियां है जैसे कि Anxiety, फोबिया, मूड स्विंग्स होना इत्यादि। आइये विस्तृत में जानते हैं कि मेंटल डिसऑर्डर से जुड़ी और भी कितने प्रकार की बीमारियां हो सकती है।

Mental Health Disorders in Hindi
Mental Diseases List

मानसिक स्वास्थ्य कितने प्रकार के होते हैं – Types of Mental Health Disorders?

  1. घबराहट की बीमारियां – Anxiety Disorders.
  2. व्यक्तित्व विकार – Personality Disorders.
  3. मानसिक विकार (जैसे सिज़ोफ्रेनिया) – Psychotic Disorders (such as schizophrenia).
  4. भोजन विकार – Eating Disorders.

1. एंग्जायटी डिसऑर्डर (Anxiety Disorders)

एंग्जायटी डिसऑर्डर (Anxiety Disorders) मानसिक बीमारी का संबसे प्रमुख प्रकार है इस स्थिति में लोग सबसे पहले वेवजह ही चिंता करना शुरू करने लगते है। थोड़ी सी भी समस्या होने पर डर की वजह से बहुत ही गंभीर हालत में पहुंच जाते है।

एंग्जायटी डिसऑर्डर के प्रकार (Types of Anxiety Disorders)

  1. सामान्यीकृत चिंता विकार (Generalized anxiety disorder)

    इस प्रकार के मेन्टल बीमारी से ग्रषित व्यक्ति को हर घरी चिंता सताती रहती है। हालाकिं इसके लिए कई बार उस व्यक्ति से जुड़े रिस्तेदार भी जिम्मेदार होते है। व्यक्ति को काम की चिंता, तनाव, घबराहट, बेचैनी, ध्यान केंद्रित करने में परेशानी आदि कई कारनो से घेरे रहती है।

  2. घबराहट की समस्या (Panic Disorder)

    ऑफिस के काम के तनाव, पारिवारिक रिश्तो का सही नहीं होना, काम का अत्यधिक दबाव, पड़ोसी से झगड़ा आदि कई कारण होते है जो आपको मनोवैज्ञानिक तौर से कमजोर करती है और फलस्वरूप आप घबराहट के शिकार हो जाते है।इसके कई लक्षण होता है जैसे की:-

    • ग्रषित व्यक्ति का दिल छोटे छोटे समस्या में भी तेजी से धड़कन लगता है।
    • शरीर अत्यधिक रूप से पसीना छोड़ने लगता है।
    • समस्या से घिरे होने पर अपनी बात सही तरीके से रख पाने में असमर्थता।
    • हर घरी किसी न किसी बात का डर सताता रहता है।
  3. फोबिया (Phobias)

    फोबिया से ग्रसित व्यक्ति को हर घड़ी किसी ने किसी बुरी घटना के घटित होने का डर (afraid of the happening of some bad event) सताता रहता है। हालांकि, मरीजों कई बार इस बात का आभास होता है कि वह बेवजह डर (Unnecessarily Afraid) रहे होते हैं, लेकिन फिर भी वह चाह कर भी इस डर को दूर नहीं कर पाते हैं।

  4. भीड़ से डर लगना – Fear of Crowds

    ऐसे व्यक्ति को भीड़ वाली जगह जैसे मेले में जाना, बड़े-बड़े शॉपिंग मॉल्स में जाना, पूजा-पाठ त्यौहार आदि में सम्मिलित होना, रेलवे स्टेशनों की लंबी लाइन में खड़ा होना आदि इन सब चीजों से डर लगता है। यह भी एक तरह से फोबिया बीमारी ही है। यह बीमारी कई बार इतना भयानक होता है कि व्यक्ति को सदमा तक लग जाता है।

  5. सोशल एंग्जायटी डिसऑर्डर (Social Anxiety Disorder)

    ऐसे व्यक्ति को समाज से कुछ पाने की उम्मीद रहती है जिस वजह से उसको सामाजिक चिंता या डर सताता रहता है जैसे कि समाज में मान प्रतिष्ठा प्राप्त करना। समाज में मान प्रतिष्ठा ना मिलने पर अपने आप को अपमानित महसूस करना, शर्मिंदगी महसूस करना आदि।
    ऐसे व्यक्ति समाज में घुलने मिलने से डरने लगते हैं और ऐसे जगहों पर जाने से कतराते हैं यहां पर उनको बोलने की जरूरत पड़ती है।

  6. अलगाव की चिंता (Separation Anxiety Disorder)

    इस तरह के चिंता वाले व्यक्ति को हर घड़ी अपनों से बिछड़ने का डर सताता रहता है (always afraid of being separated from his loved ones)। ऐसे व्यक्ति को इस बात का डर रहता है कि वह अगर अपने घर को छोड़कर जाता है तो उसके साथ बुरा हो सकता है जिसकी वजह से अति जरूरी काम करने पर भी घर से बाहर निकलने में दिक्कत महसूस होती है।

 

इसे भी पढ़े: Blood Pressure Control: ब्लड प्रेशर (रक्तचाप) को कैसे नियंत्रित करे ?

 

2. मूड डिसऑर्डर (Mood disorders)

हर घरी मूड का बदलना मूड डिसऑर्डर की श्रेणी में आता है इस तरह के व्यक्ति किसी काम के प्रति फोकस नहीं कर पाते हैं। जैसे ही कोई काम की शुरुआत करते हैं उनका मन किसी और काम में चला जाता है और फिर वह उस काम को छोड़कर दूसरे काम में लग जाते हैं और वह दूसरे काम को भी कंप्लीट नहीं करते फिर तीसरे काम में लग जाते है और ऐसे व्यक्ति अवसाद ग्रषित श्रेणी में आते है।

Types of Mood disorders

  1. मेजर डिप्रेशन (Major depression)

    इस बीमारी से ग्रसित व्यक्ति को हर घड़ी अपना कॉन्फिडेनस लो फील होता है। उसका मूड हमेशा खराब रहता है और जब वह किसी काम वह कर रहे होते हैं तो अचानक ही उस काम के प्रति इंटरेस्ट खो देते हैं और उनका मूड बिल्कुल खराब हो जाता है।

  2. बाइपोलर डिसऑर्डर (Bipolar disorder)

    यह दो ध्रुवी अवसाद की श्रेणी में आता है जब कोई चीज अच्छी लगती है तो अति उत्साहित हो जाते हैं और जब कुछ चीजें खराब लगती है तो वह अवसाद में चले जाते हैं। इस बीमारी से ग्रसित व्यक्ति अपनी ऊर्जा, गतिविधि और मनोदशा को सही तरीके से नियंत्रित नहीं रख पाते है और अपने जीवन में लगातार असामान्य परिवर्तन महसूस करता है।

  3. मौसमी भावात्मक विकार (Seasonal affective disorder )

    सर्दियों के मौसम में जब दिन छोटा हो जाता है और अचानक से अंधेरा छा जाता है तो इस बीमारी से ग्रसित व्यक्ति अचानक से अवसाद में चले जाते हैं और इस तरह से यह मौसमी बीमारी की श्रेणी में गिना जाता है।

 

3. मानसिक विकार (जैसे सिज़ोफ्रेनिया) – Psychotic Disorders (such as schizophrenia).

सिजोफ्रेनिया भी एक तरफ से मानसिक बीमारी की श्रेणी में आता है यह अक्सर युवावस्था में होता है। जब हमारा सही विकास कर रहा होता है उस वक्त कई बार इस बीमारी से ग्रसित व्यक्ति अपने आप को किसी ख्यालों में खोए हुए महसूस करते हैं। वह एक ऐसी दुनिया में जी रहे होते हैं जो वास्तविक रूप से मौजूद नहीं करती है और ऐसे व्यक्ति दोनों ही तरीके से प्रभावित होते हैं।

Psychotic Mental Health Disorders दो तरह के होते है जैसे की:-

  • सकारात्मक रूप से प्रभावित होना – Positively affected.
  • नकारात्मक रूप से प्रभावित होना – Negatively Affected.

सकारात्मक दृष्टिकोण में भ्रम, विचार विकार और मतिभ्रम आदि आते है और नकारात्मक दृष्टिकोण से जब उनके अंदर किसी काम के प्रति प्रेरणा की कमी आती है, जीवन में उदासीनता, लक्ष्य के प्रति असवेंदनशीलता आदि आती है।

 

4. भोजन विकार – Eating Mental Health Disorders

ईटिंग डिसऑर्डर में व्यक्ति खाने की बीमारी से ग्रसित हो जाता है इस बीमारी से ग्रसित व्यक्ति को या तो अत्यधिक भूख लगती है और वह अत्यधिक खाना खाने लगता है या बिल्कुल ही खाने पर ध्यान नहीं देता है।

 

इसे भी पढ़े: Diet Plan for Heart Patients: हृदय रोगी कैसा डाइट प्लान फॉलो करे ?

 

निष्कर्ष – Conclusion

मेंटल डिसऑर्डर बहुत ही सामान्य बीमारी है एक रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका के 50% लोग अपने जीवन में कभी न कभी मेंटल डिसऑर्डर का शिकार होते हैं।

हालांकि यह सामान्य होने के बावजूद भी बहुत ही सीरियस केस है इससे ग्रसित व्यक्ति के कारन का तुरंत पता लगा कर उपचार किया जाना जरूरी है।

मेंटल डिसऑर्डर से ग्रसित व्यक्ति अपने जीवन में कई बार इतना उदास हो जाता है कि सुसाइड भी कर लेता है इसलिए हमें इसके लक्षण को पहचानने होते हैं और डॉक्टर की परामर्श से तुरंत इसका समाधान ढूंढना जरूरी होता है।

 

Recommended Posts:

Home Remedies for Oily Skin: तैलीय त्वचा का घरेलू इलाज क्या है ?

Pet me Gais Banane Ka Karan: पेट में गैस बनने के कारण तथा उपाय

 

Reference

medlineplus.gov

medicalnewstoday.com

www.ncbi.nlm.nih.gov

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *